म.प्र. के अनेक विश्वविद्यालय में योग शिक्षा के नाम पर हो रही धांधली राज्यपाल से उच्च स्तरीय जांच की मांग -:
उज्जैन योग संघ के सचिव मिलिन्द्र त्रिपाठी ने महामहिम राज्यपाल जी से मांग की है कि
“मध्यप्रदेश के अनेक शासकीय विश्व विद्यालय में बिना नेट क्वालिफाइड एवं पीएचडी करें टीचरों की नियुक्ति विद्यार्थियों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहे है । मध्यप्रदेश के अनेक विश्वविद्यालय योग को पैसा कमाने का जरिया बनाकर अपने यहां योग के कोर्स शुरू कर देते है ।
लेकिन इन विश्व विद्यालयों में योग विषय के नेट क्वालिफाइड एवं पीएचडी किये हुए प्रोफेसर या अतिथि विद्वान नियुक्त नही है । जो कि नियमों का खुलेआम उल्लंघन है । साथ ही इन विश्व विद्यालय में योग के ऐसे प्रोफेसर नियुक्त किये हुए हैं जो कि शारीरिक रूप से फिट भी नही है ।
यह खुलेआम योग शिक्षा के साथ खिलवाड़ है । चुकी भारत सरकार ने एक शानदार फैसले में योग को स्पोर्ट्स के रूप में मान्यता प्रदान की है लेकिन ऐसे अयोग्य प्रोफेसर जो स्वयं योग नही कर सकते वो विद्यार्थियों को किस प्रकार योग सीखा पाएंगे ?
साथ ही जो विद्यार्थि वर्षो की मेहनत के बाद पीएचडी करते है ,फिर नेट क्वालिफाइड करते है उनके स्थान पर ऐसे अयोग्य प्रोफेसरों की नियुक्ति करना उनके साथ घोर अन्याय के समान है ।
कृपया आप उच्च स्तरीय जांच के आदेश देकर सभी कुलपतियों को निर्देशित करें कि वो इस तरह की धांधली को अपनी यूनिवर्सिटी में न होने दें । अभी तक ऐसे फर्जी तरीके से नियुक्त प्रोफेसरों को दिए गए वेतन की वसूली भी की जाए । ताकि जनता के टेक्स के पैसो का सदुपयोग हो सकें ।
योगाचार्य मिलिन्द्र त्रिपाठी
9977383800
सचिव उज्जैन योग संघ